लखीमपुर खीरी में भाजपा विधायक योगेश वर्मा पर हुए थप्पड़कांड ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी। यह विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा विधायक को वकील अवधेश सिंह ने 9 अक्टूबर को बैंक के मुख्यालय में थप्पड़ मारा और उसके बाद उनके साथियों ने विधायक पर हमला कर दिया। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद चारों ओर इसकी चर्चा तेज हो गई थी।
विपक्ष ने बताया बेइज्जती, भाजपा ने लिया कड़ा एक्शन
जहां एक ओर विपक्ष इस घटना को विधायक की “बेइज्जती” करार दे रहा था, वहीं भाजपा ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की। पार्टी ने वकील अवधेश सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, अनिल यादव और ज्योति शुक्ला को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इससे पहले चारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन स्पष्टीकरण से असंतुष्ट पार्टी ने इन सभी को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
बैंक चुनाव से जुड़ा विवाद बना हिंसा की वजह
यह पूरा विवाद बैंक के पदाधिकारियों के चुनाव के दौरान हुआ। अवधेश सिंह, जो लखीमपुर खीरी बार काउंसिल के अध्यक्ष हैं, और उनकी पत्नी, जो अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक की अध्यक्ष रह चुकी हैं, ने भाजपा विधायक के साथ बदसलूकी की। चुनावी नामांकन के दौरान हुई इस घटना के बाद पार्टी के अंदर असंतोष की लहर दौड़ गई।
बीजेपी विधायक ने पार्टी के फैसले का किया स्वागत
भाजपा विधायक योगेश वर्मा ने इस मामले में पार्टी द्वारा की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई का स्वागत किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पार्टी नेतृत्व के प्रति आभार जताया और कहा कि पार्टी ने न्यायपूर्ण निर्णय लिया है। भाजपा ने इस मामले को गंभीरता से लिया और त्वरित कदम उठाए।
वायरल वीडियो से बढ़ा विवाद
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्थानीय भाजपा नेताओं में गुस्से की लहर दौड़ गई थी। पार्टी के अंदर ही इस विवाद ने कई सवाल खड़े कर दिए थे, जिसके बाद भाजपा नेतृत्व ने सख्त रुख अपनाया। हालांकि, अब तक इस मामले में किसी और तरह की कार्रवाई नहीं हुई है।
विधायक की बेइज्जती से पार्टी में असंतोष
इस थप्पड़कांड ने भाजपा के अंदर ही गहरे असंतोष को उजागर किया है। यह मामला स्थानीय नेताओं के बीच आपसी मतभेदों और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का प्रतीक बन गया है। घटना के बाद पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई से यह साफ हो गया कि भाजपा अपने विधायकों और नेताओं की सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता देती है।